यूं ही
यूं ही
चलो यूं ही कभी
अनजान सफर पर यारों
चलो छोड़ दो बंधन
आगे ही आगे बढ़ते
चलो यारों
मंज़िल का ठिकाना
मिले ना मिले कभी
लोग मिलेंगे नये
दोस्त बनेंगे वो कभी
सीखना संवरना
होता रहेगा यूं ही
हर एक मोड़ पर
देखो मुड़कर यूं ही
हर एक सफर का
मज़ा तुम ले लो आओ
बन के मुक्त पंछी
आसमान छू लो आओ