मददगार
मददगार
बहुत जीव पलते हैं,
इसकी शाखाओं से भी
जड़ें फूटती हैं
वो जड़ें फिर पेड़ भी
बन जाती हैं
हर पेड़ उगा देता है,
कुछ और पेड़
और वो पेड़, कुछ और पेड़
एक पेड़, अपने आप में
जंगल हो सकता है
जाने कितने पंछियों को घर
गिलहरियों को कोटर
बंदरों को आश्रय
चमगादड़ों को आसरा
बेलों को सहारा देता है ये।
पर ख़ास बात क्या है मालूम,
ये छाँव देता है सबको,
धूप से तो बचाता है
पर अपनी छाया से
किसी भी अंकुर को
पेड़ नहीं बनने देता।
नहीं चाहता कि कोई
और भी कर सके
वो सब काम जो ये
करता है ख़ुद।
बड़ा अनोखा
मददगार है बरगद।