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Kawaljeet Gill

Inspirational

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Kawaljeet Gill

Inspirational

माँ

माँ

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गरीब माँ का दर्द देखकर 

आँखें भर आती है

अपने लाडलो की खातिर

क्या क्या झूठ बोल देती है


खाने वाले हो पाँच लोग 

और रोटी हो चार

तो बच्चों का पेट वो भर देती है

और खुद भूखी वो सो जाती है


जब कुछ भी ना हो खाने को

तो बच्चों को पानी पीला ही सुला देती है

कहती है मेरे लाल जल्दी से सो जाओ

ख्वाबो में फरिश्ते आएंगे

खाना लेकर पेट भर कर खा लेना


जाने कितना दर्द होता होगा

उसको भी जब वो ये झूठ बोलती है

उसका दर्द देखकर ईश्वर भी

रो पड़ता होगा


ना ही रहने को उसके पास

एक अच्छी छत ना ही खाने को

दो वक्त की रोटी

फिर भी हिम्मत नही हारती

वो माँ बच्चों की खातिर

जाने कौन कौन से पापड़ बेलती है


माँ के कर्ज भला कहाँ कोई चुका पायेगा 

माँ की कुर्बानियो की कद्र कर लो

जन्नत यही मिल जाएगी 

ईश्वर को मत ढूँढो यहां वहां

माँ के रूप में ईश्वर तुम को मिल जाएंगे



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