तेरे हाथ
तेरे हाथ
अकेली थी ज़िंदा थी
क़ैदी हुई परिंदा थी
मेरे हाथों को अपना हाथ दिया
जीवन भर जो ना टूटे
ऐसा साथ दिया।
मेरे दुःख में मेरे सुख में
तेरा हाथ तेरा साथ
अपने प्रेम की कहानी कहता है।
तुमने क़ैद से निकाल
हौसले को दी उड़ान
सोनिया को दिए पंख और
दिया खुला आसमान।
तेरी छाया में ये
संसार रंगीन लगता है
तेरे होने से
ये संसार हसीन लगता है।
सात फेरों के वचनों को
तुमने दिल से स्वीकार किया
इज़्ज़त, मान सम्मान दे
तुमने मेरा ख़्याल किया।
कन्यादान करते बाप के आँसू
विदा करती माँ की आँखें
तुमने उन सबका मान किया।
तेरे हाथों में हाथ डाल
चल पड़ीं हूँ
अपने जीवन के एक
अलग पड़ाव की ओर
ज़िंदगी जीने
चल पड़ी हूँ मैं।