प्रभु पंख मुझको देना
प्रभु पंख मुझको देना
प्रभु पंख मुझको देना
परवाज मुझको देना
मैं उड़ सकूँ गगन में
आशीष अपना देना।
चंदा के साथ खेलूँ
तारों से चाहूँ मिलना
छू लूंगा आसमान मैं
तुम साथ मेरा देना।
जब जब गिरूंँ मैं तब तब
मेरा हौसला बढ़ाना.
डरकर मैं सहमूंँ जब भी
मुझको गले लगाना।
भरो भक्तिभाव मन में
चरणों में स्थान देना
करूँ जब भी मैं चढ़ाई
तुम ही निसेनी बनना।
प्रभु पंख मुझको देना
परवाज मुझको देना।