Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Amar Nigam

Romance

4.4  

Amar Nigam

Romance

बस ऐसे ही रहना

बस ऐसे ही रहना

1 min
937


बदलेंगें मौसम, ऋतुएं हज़ार कई

बदलेंगे क़िरदार आसपास कई

पर तुम मत बदलना

 बस रहना तुम ऐसे।


आसमान से बिखरंगे सितारे कई

नींदों से टूटगे सपने कई 

मुख्तसर से होंगे रिश्ते कई

पर तुम मत बदलना

बस रहना तुम ऐसे।


बिछड़ेगे, मिलेंगे रास्ते,

सफर, शहर कई

होंगी सफर मे अमावस्या,

पुर्णिमा कई

बदलेंगें चाँद के चेहरे कई

पर तुम मत बदलना

बस रहना तुम ऐसे ।।


होंगे बुलबुले आसपास कई

ऊंचाइयों पे जाके फ़ूटगे भी कई

तो जमीं पर आकर भी कई

पर तुम मत बदलना 

बस रहना तुम ऐसे।


जुगनुओं का साथ पाकर

बदल लेंगें खुद को कई

पर तुम सूरज का साथ पाकर 

भी मत बदलना

बस रहना तुम ऐसे। 


डराएंगे तुम्हे रात का

अंधेरा दिखाकर कई

तुम बस रात में

जलते दीये को देखना

तुम मत बदलना 

बस रहना तुम ऐसे 

बस रहना तुम ऐसे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance