उन्हें आता था
उन्हें आता था
चाहत तो उन्हें भी नहीं मिली
जिनके पास सब कुछ था।
नाम दौलत व शोहरत का,
अनगिनत सा हिस्सा था।
पर गौर की बात है कि,
प्यार के मामले में तो,
उनका भी अधूरा किस्सा था।
बदनाम तो वह भी हुए थे,
जिन्हें नाम करने का सुरूर था।
वह बुरे नहीं थे, हां बस
उनकी रगों में मंजिल तक,
पहुंचने का जुनून था।
जिंदगी वह भी जीते थे,
जिनके पास महलों जैसा,
कोई आशियाना नहीं था।
उन्हें झोपड़ियों में भी,
भरपूर खुशियां मिलती थी,
भले पास खजाना नहीं था।
गिरे तो वो भी थे कई बार,
अपनी ही कोशिशों पर,
फिर भी गिरकर उठना,
उन्हें खूब आता था।
हारे भी थे तो क्या हुआ,
हारकर जीतना भी
उन्हीं को आता था।