Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Abhishek Singh

Romance

4.7  

Abhishek Singh

Romance

तेरा मेरा मिलन..

तेरा मेरा मिलन..

1 min
939


जब तुम थी तो गर्मी की तप्ती दोपहरी भी

सुनहरी लगती थी,

अब तुम नहीं तो सावन की बारिश भी जलाती है।

ये प्यार भी तब क्यों होता है,

जब मिलना क़िस्मत में ही नहीं होता है।

तेरा मेरा मिलना हो न हो क़िस्मत में प्रिये,

पर सुना है प्यार के आगे रब भी झुकता है,

जैसे धरती और आकाश का मिलन क्षितिज पर होता है।


Mr.Singh


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance