तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
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हर ख्वाहिशें
तेरे नाम कर दूँ
हर मुश्किलें तेरी
आसान कर दूँ।
झंझावती हवा भी
न तोड़ पाएगी मुझे
हर तूफ़ान का उफान
कम कर दूँ।
तेरे गमो से नाता जोड़
तुझे महफूज रखुँगी
ये जन्म तो क्या
हर जन्म तुझपे निसार करूँगी।
हर आरजू बुलन्द कर दूँ
और आसमाँ में सुराख कर दूँ
इस धरती को उस अम्बर से मिला
इस क्षितिज को भी पार कर दूँ।
तू एक बार आवाज जो दे
मरकर भी जी उठूँगी
पंचतत्वो में विलीन हुआ शरीर तो
फिर से जन्म लूंगी।