आलू
आलू
मैं जमीन के अंदर तक रहता हूं
फिर भी दिलों पर राज करता हूं,
कहते ऐसा सभी लोग हैं कि
आलू के अनगिनत उपयोग हैं।
याद रखो जब घर में कुछ भी नहीं है
तो समझ लेना आलू सबसे सही है,
बच्चे तो हर सब्जी को ना कहते हैं
आलू हो तो खाने को हाँ कहते हैं।
अरे पूरे दिन बाजारों में बिकता हूँ
गर्मी, बारिश, ठंडी में भी टिकता हूँ,
बच्चे बूढ़े सभी के मन को भाता हूँ
सब्जियों का राजा कहलाता हूँ।
चटपटा मुझसे बनता हर खाना है
एक नहीं हर देश मेरा दीवाना है,
कहीं पैकेट में बंद रहता हूं तो
कहीं खुले तवे पर पकता हूंँ।
गोलगप्पा कहो या कहो सेव पूरी
मेरे बिना कितनों की बातें है अधूरी,
कुछ मुझे रोगों का ईलाज कहते हैं
कुछ रोगों में मुझसे दूर भी रहते हैं।