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Writer Rajni Sharma

Tragedy

5.0  

Writer Rajni Sharma

Tragedy

निर्दयता

निर्दयता

1 min
197


आज इंसान इतना निर्दयी हो गया

कि एक अजन्मी बच्ची जिसने अभी

इस दुनिया को देखा तक नहीं 

उसका जीवन ही उससे छीनने लगा 


कसूर सिर्फ इतना उस मासूम का 

कि वह घर का वंशज नहीं एक

लड़की है 

वो लड़की जो किसी की बहन,

किसी की बेटी और किसी की

पत्नी होगी 

वो लड़की जो इस सृष्टि का आधार है 

हर रिश्ते का मूल है जो, जिससे

सारा संसार है 


लेकिन अपनी क्रूर प्रवृत्ति का

शिकार उसको बना दिया 

लड़की होना तो जैसे पाप हो कोई 

जीवन ही उसका मिटा दिया 

नौ महीने जिसने कोख में पाला,

उस मां ने ही कैसा सितम किया

निकाल अपने जिस्म से नाले में

उसको बहा दिया 

निर्दयता की हर हद तब पार हो

जाती है 

जब खुद एक औरत दूसरी

औरत की दुश्मन बन जाती है...



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