करार दिल को मिल जाता है
करार दिल को मिल जाता है
रो ले पल दो पल तो करार दिल को मिल जाता है,
तुझसे जुदा होने का गम थोड़ा कम हो जाता है,
कई बार अपने आंसूओ को सब से छुपा लेते हैं हम,
डरते है कि तुझको न हो जाए ख़बर इन अश्को
की,
हमारे हर अश्क है मोतियों की तरह जिनकी
कीमत तू समझता है,
यह दुनिया कहाँ इनका मोल लगा पाएगी,
यह तो हँस देते है हम पर हमारे ही सामने,
जाने पीठ पीछे क्या क्या खिली उड़ा देंगे,
अब तो एक अश्क़ गिराने से पहले हम कई
बार सोचते है,
झूठी हँसी हँस कर सब का दिल खुश करते है,
कोई क्या जाने की दर्द क्या होगा हर कोई
बस अपना ही दर्द समझता है,
दूसरो का दर्द किसी को कभी दिखाई नहीं देता
ये ही जिंदगी है जिंदगी के उसूल है ।