नजरअंदाज
नजरअंदाज
तुम्हारा यू नजरअंदाज करना
और मेरा तुम्हारे लिये यू आहे भरना
कंही खुदा की कोई साजिश तो नही।
तुम्हारा याद नहीं करना
और मेरा नहींं भूल पाना
कहींं खुदा की कोई साजिश तो नहीं।
तुम्हारा हर बार मेरी हैसियत पूछना
और मेरा तुम्हारी खैरियत की दुआ मांगना
कही खुद की कोई साजिश तो नहीं।
जरूर खुदा की तुम्हें मुझसे दूर करने की
साजिश ही होगी वो भी जलता होगा हमसे
पहले तो तुम ऐसे नहींं थे।