कोशीश
कोशीश
कोशीश करेंगे के हल निकलेगा
आज नही तो कल निकलेगा
आज विष पियेंगे
तो अमृत का जल निकलेगा
तू आगे बढ़ अंधेरों से ना डर
के साथ तेरे ये दुनिया है
इतना बुलंद कर खुद को
के ये जहाँ तुझे सलाम करेगा !
कोशीश करेंगे के हल निकलेगा
आज नही तो कल निकलेगा
आज विष पियेंगे
तो अमृत का जल निकलेगा
तू आगे बढ़ अंधेरों से ना डर
के साथ तेरे ये दुनिया है
इतना बुलंद कर खुद को
के ये जहाँ तुझे सलाम करेगा !