पत्नी भी माँ है
पत्नी भी माँ है
पत्नी भी
माँ का रूप है
पत्नी भी हमारे
बच्चों की माँ है
मेरी पत्नी को
हमारे बच्चे माँ
मम्मी मोम माताजी
ही तो कहते हैं ,
माँ ने जो मुझे
ममता स्नेह प्यार
लाड दुलार दिया है
हमारे हर दुख दर्द
कष्टो को दूर किया है
कुछ गलती कुछ
नुकसान जब मुझ से
बचपन मे होता था
पिता जी डाँटे माँ
बीच मे आ जाती थी
मेरी डाँट फटकार
खुद ही ढाल बनकर
बीच मे सह जाती थी,
बच्चों को दुख न हो
खुद ही सह जाती थी
तीज त्योहार मे माँ
ठेर सारे पकवान
रात तक जागकर
मेहनत से बनाती थी
सवयं भले न खाये
हम भाई बहिनो को
खूब खिलाती थी
पूजा व्रत हमारी हर
खुशी की भगवान
से प्रार्थना करती है
बचपन मे हमारे
रोने पर तड़पती थी
सीने से लगाकर
आँचल का दूध
पिलाती थी ,
माँ की ममता को
जी भरकर लुटाती थी
माँ खाना खाती है
और बच्चा मल
मूत्र कर देता है
खाना बीच मे छोड़
कर बच्चे को साफ
सुथरा करती है
बच्चा बीमार न
पड़ जाय यही
मन मे सोचती है ,
माँ का वही रूप
पत्नी मे भी देखा है
जो महान है सच्चा है
और सबसे ऊँचा है
माँ धन्य है शत शत
प्रणाम करता हूँ
माँ को नमन कर
चरणों मे श्रध्दा से
शीश नवाता हूँ
नमन वंदन करता हूँ ।