तुम अगर चाहो तो
तुम अगर चाहो तो
जब गम ही गम तुमको सताने लगे जब कोई अपना ना हो पास कोई,
तब अपना हाले दिल अपने दर्द हमको सुना देना,
जब कभी आँसू आँखों में हो और कोई सहारा नजर ना आये,
तब अपने आँसुओं को तुम हम को दे देना,
हम मोतियों की तरह संभाल लेंगेl
जब कोई सहारा ना हो कोई आसपास साथी ना हो,
तब आवाज़ हमको लगा देना, हम दौड़ कर आ जाएँगे;
जब किसी के कंधे पर सर रखने को जी चाहे और अपना कोई ना हो,
तब हमारे कंधे पर सर रख कर तुम अपनी बातें कर लेनाl
तुम अगर खुशियों को अपने जीवन में चाहते हो,
तो हम खुशियों का सागर बन कर तेरे जीवन में आ जाएँगे...