नींव और नाइशु
नींव और नाइशु
बादलों के पंख लगाकर एक नन्ही परी है आई,
चाचु बन गये पापा और चाची मम्मी कहलाई!
फैल गयी फिर से बाबा के चेहरे पर मुस्कान,
दादा भूल गए अपनी सारी पीड़ा और थकान!
समय जल्दी बीतता नहीं मैं रोज दिन गिनने लगा,
बाजार में अब कार नहीं गुड्डा - गुड़िया ढूंढने लगा!
तेरी प्यारी राखी से सजी अब मेरी सुनी कलाई,
गुल्लक में जमे सिक्कों के निकलने कि बारी आय !
आने कि तैयारी में तेरे सजा कर सारा घर - द्वार,
तेरी बातों में मेरी दुनिया तुझमें हीं सिमटा संसार!
कभी घुटने पर रेंग कर चलता, कभी झुले में झुल रहा,
तुझ संग बच्चा बनकर मैं भी तोतली भाषा बोल रहा !
मैं भईयू तू छोटी गुड़िया तुझसे बहुत प्यार मैं करता हूँ ,
पर मम्मा पापा कि गोद में तेरे जाने पे थोड़ा डरता हूँ !
कोने कोने में खुशबू तेरी, आंगन में गुंजती किलकारी
नन्ही परी, छोटी गुड़िया तू नाइशु मेरी प्यारी प्यारी !
#love