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Roli Yadav

Inspirational

3.7  

Roli Yadav

Inspirational

उर निश्चय: एक सुबह अवश्य आएगी

उर निश्चय: एक सुबह अवश्य आएगी

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मेरे कंठ रूदित, हृदय कर रहा विलाप है

जिस व्यथा को कर न पा रही व्यतीत,

वही मुझे कर रही व्यथित।

ऐसा मेरे उर में उठ रहा आलाप है,


ये जो कोविड- 19 महामारी है,

विज्ञान की पराकाष्ठा पर भारी है,

उसका अनवरत नर भक्षण जारी है,

 जो सम्पूर्ण विश्व हेतु अत्यन्त दुखकारी है।


क्या ये दुष्परिणाम कुछ जन की मनमानी है,

या विज्ञान के अंत कि यही कहानी है।

जो विश्व जीवन काल पर लगाया प्रश्नचिह्न है,

सबके उर में उठता आशा - निराशा के द्वंद्व भिन्न- भिन्न है।


आदमी ने मिलो का फासला तय कर संसार जीता,

अब घर की चार दीवारों में रह कर वर्तमान जीतेगा।

एक सुबह ऐसा भी आएगी,

ये जहां फिर से मुस्कुराएगा।


भारत पुनः इतिहास दोहराएगा,

वाई२के की भांति कोविड-19 पर फतह कर दिखलायेगा।

विश्व को अपना लोहा मनवाएगा।

 

एक सुबह अवश्य ऐसा आएगी,

जब फिर से भारत मुस्कुराएगा

सम्पूर्ण विश्व खिलखिलाएगा l

अवश्य एक सुबह ऐसा आएगी।


 


                         


            





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