खुद्दारी
खुद्दारी
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तकदीरें हर दफा
साथ कहां देती हैं
आसमान देती है
पर जमीन
छीन लेती हैं।
मांग लीजे
अगर है तो
जरूर दूंगा ।
छीनिये मत
यह इंसान में
हैवानियत
ला देता है।
दीवारों पे
बड़े शब्दों में
लिख के रक्खा है।
नकल ना कीजे
जब कभी कहिये
खुद अपना कहिये।
मकसदों में
खुद्दारी की खनक
बहुत जरूरी है
मतलबी लोग
पल भर में
नजरों से
उतर जाते हैं।