बड़ी मुश्किलों से...
बड़ी मुश्किलों से...
निगाहें तुम्हारी करे है इशारा
हमें लग रहा है मगर नागवारा
बड़े घाव हमने भरे है अभी तक
नहीं चाहिये अब किसी का सहारा
भले लग रहा हो हसीं चाँद तुमको
मगर प्यार का वो नहीं है किनारा
करो तुम शिकायत खुदा से हमारी
मगर है बुरा हाल अब तक हमारा
न चाहूं मुहब्बत रहे ज़िन्दगी में
बड़ी मुश्किलों से वक़्त है गुज़ारा...।
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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०