कान्हा तेरी जन्माष्टमी
कान्हा तेरी जन्माष्टमी
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कान्हा तेरी जन्मास्टमी
हर साल कुछ ना कुछ
यादे छोड़ जाती है
प्यार तुमने जो किया राधा से
प्यार तुम्हारा रहा था अधूरा
प्यार हमने भी किया था
सच्चा और करते है अपने
कान्हा से
राधा का नाम हमको भी
दिया था जमाने ने
शायद इसी लिए प्यार
हमारा रह गया अधूरा राधा के
अधूरे प्यार की भांति
सोचते है अब हम की
ना किया होता सच्चा प्यार
तो शायद पूरा हो गया होता
हमारा प्यार क्योंकि सच्चाई
को तो बहुत से इम्तहानों से
गुजरना पड़ता है