लोकतंत्र ज़िन्दाबाद
लोकतंत्र ज़िन्दाबाद
आज हिन्दुस्तान में प्रचंड
वेग के साथ मोदी तूफ़ान आया है।
बुआ, बबुआ, पप्पू और दीदी
सबका हो गया सफ़ाया है।
भाजपा ने पूरे पौरुष से
अपना परचम लहराया है
विरोधियों के छूट गये पसीने
थरथरा रही काया है।
शब्दबाण जो छूट जाते वाणी के
तरकश से वापस कभी आते नहीं।
“चौकीदार चोर है “ के नारे
समझदार कभी लगाते नहीं।
नकारात्मकता और गालियों के दलदल में
पार्टी ने खिलाये चहुँओर कमल।
पछतावे के आँसू रो रहे वे भाजपाई,
जिन्होंने रण से पहले किये दलबदल।
विपक्षी रो रहे पैसे का रोना,
जिन्होंने सालों करोड़ों कमाये हैं।
भ्रष्टाचार दम तोड़ रहा जब से
मोदी सरकार ने कड़े पहरे बैठाये हैं।
दुखता है दिल जब “भारत तेरे टुकड़े होंगे”
नारे वाले हीरो बन उभरते हैं।
शालीनता और चरित्र को ताक पर रख
केवल स्वार्थ सर्वोपरि रखते हैं।
यूँ तो मैं कोई बड़ी मोदी भक्त नहीं
पर राष्ट्र सर्वोपरि रखती हूँ।
देश का नाम रोशन कर रहे अपने
प्रधानमंत्री का समर्थन करती हूँ।