Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Asha Pandey 'Taslim'

Others

3  

Asha Pandey 'Taslim'

Others

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

1 min
14.1K


जले दूध के खुर्चन-सा
रह जाता है न कुछ-कुछ
मन ही हांडी पे भी लगा हुआ
कितना खुर्चा, कितना धोया
हर बार लगता सब साफ़
फ़िर दरारों से झांकती है
यादें इन्हें रोकना उतना ही मुश्किल होता है जितना
बहते हुए नदी पे कच्चा बाँध
फ़िर भी बनाती हूँ बाँध
आँखों पे काजल का
कि बहे न सपने तैरती मछली-सा
होंठों से डर लगता है हमेशा
कहीं कह न दे वो सच जो
छुपा रखा खुद से भी मैंने
इसलिये सिल देती हूँ होंठों को मोटे धागे की जगह
गहरे लिपस्टिक से
कोई मुड़ के भर नज़र देखना भी चाहे अगर
तो चौराहे के सिंग्नल की तरह
लगा लेती हूँ बड़ी लाल बिंदी
खुद को कितने तालों में खुद ही
बाँध रखने की कोशिश में
खुद ही खुद को खुद से दूर करती हूँ हर पल,                   पल पल...


Rate this content
Log in