Jitesh Attry
Inspirational
कर दे दरिया पार समुंदर,
क्यों रोका इनको आँखों के अंदर ?
छलक जाने दे, बह जाने दे,
कर दे साफ़ ये नीला अंबर...।।
नीला अंबर
बारफ्ता सी गु...
दो पल और साथ
मेरी तन्हाई क...
वो भी तो चाहती है तुम्हें बांध लेना वो भी तो चाहती है तुम्हें बांध लेना
तू कल-कल करता पानी है, तू धरा की सिमटी माटी है, तू ही माथे की लाली है, तू कल-कल करता पानी है, तू धरा की सिमटी माटी है, तू ही माथे की लाली है,
शूलों में खुद को फूल बनाकर तो देख, ये सारे शूल तेरी खुशबू में बदल जाएंगे शूलों में खुद को फूल बनाकर तो देख, ये सारे शूल तेरी खुशबू में बदल जाएंगे
तब जानेगा जीने का मकसद ,जब आयु अल्प रह जाएगी।। तब जानेगा जीने का मकसद ,जब आयु अल्प रह जाएगी।।
आज की नारी को पहचान लो वो मूर्ति नहीं इंसान है ! आज की नारी को पहचान लो वो मूर्ति नहीं इंसान है !
राम नाम है, ऊर्जा का भंडार रावण नाम है, अहंकार का भंडार। राम नाम है, ऊर्जा का भंडार रावण नाम है, अहंकार का भंडार।
सीखना है रणकौशल तुझको करना है माँ बाप का ऊँचा सर! सीखना है रणकौशल तुझको करना है माँ बाप का ऊँचा सर!
मन से वो माँ हो चुकी है घर की, चौबीसों घण्टे एक घड़ी बांधे रहती है। मन से वो माँ हो चुकी है घर की, चौबीसों घण्टे एक घड़ी बांधे रहती है।
आपके भूल गए मनुजन को अपनी हरी सांस दें। थोड़ी जागरूकता, और पसीने की कीमत। आपके भूल गए मनुजन को अपनी हरी सांस दें। थोड़ी जागरूकता, और पसीने की कीमत।
वैसे भी खिड़की के उस पार दुनिया बड़ी डरावनी थी! वैसे भी खिड़की के उस पार दुनिया बड़ी डरावनी थी!
हर लम्हा बीत जाता है तभी तो जरा सी देर में मंज़र बदल जाता है। हर लम्हा बीत जाता है तभी तो जरा सी देर में मंज़र बदल जाता है।
बालिका नहीं बालक से कम, इतना बापू जान ले। बल्कि ज्यादा ही है वह, इसको अब तू मान ले। बालिका नहीं बालक से कम, इतना बापू जान ले। बल्कि ज्यादा ही है वह, इसको अ...
एक गहरी सांस लो, हिम्मत बढ़ाओ और आगे बढ़ते रहो भय को हारा कर। एक गहरी सांस लो, हिम्मत बढ़ाओ और आगे बढ़ते रहो भय को हारा कर।
रूप बताकर तेरे अनेक सबको गया भरमाया तेरा सरल एक इंसानी रूप इंसान ही नहीं समझ पाया रूप बताकर तेरे अनेक सबको गया भरमाया तेरा सरल एक इंसानी रूप इंसान ही ...
पकड़ के मुजरिम बेड़ि में केहु जेल धकियावल ना गइल। पकड़ के मुजरिम बेड़ि में केहु जेल धकियावल ना गइल।
सैनिक की वीर भार्या से तो, खुद भय भी परास्त हो जाता है। सैनिक की वीर भार्या से तो, खुद भय भी परास्त हो जाता है।
आत्ममंथन, चिन्तन, स्मरण एकांत खुद को जानने का अवसर है। आत्ममंथन, चिन्तन, स्मरण एकांत खुद को जानने का अवसर है।
भारत के वीर सपूत कलाम त्रिबार नमन,तुम्हें त्रिबार सलाम ! भारत के वीर सपूत कलाम त्रिबार नमन,तुम्हें त्रिबार सलाम !
जीवन का अफसाना लिख राही अपनी मंजिल पर तराना लिख । जीवन का अफसाना लिख राही अपनी मंजिल पर तराना लिख ।
हे पिता ! ना डर मुझसे, मान बढ़ाऊँगी तेरा सदा । मुझे न समझो भीड़ का हिस्सा। हे पिता ! ना डर मुझसे, मान बढ़ाऊँगी तेरा सदा । मुझे न समझो भीड़ का हिस्सा।