बारिश
बारिश
निगाहों में कितनी असीसें उमड़ती
हर एक घर के आँगन की ख़ुशहाली बारिश
महकते दिलों में है मतवाली बारिश
है खेतों में अँखुआ गई धान सारी हवाओं से सिहरे हरी घास सारी नदी के लबों पर हैं लहरें थिरकतीं ये बारिश की
बूँदें मुसलसल बरसतीं
हवा के दरीचों में बूँदें थिरकतीं
सावन के झूलों में हीरें मचलतीं
है राँझे के दिल में शमाँ सी पिघलती
ये बारिश की बूँदे मुसलसल बरसती
मुझे याद आती है बचपन की बारिश
वो कागज़ की कश्ती में नटखट सी बारिश
वो भुट्टों में सिंकती सौंधी सी बारिश
वो भीगे बदन में ठिठुरती सी बारिश
कहाँ है ....कहाँ है वो बचपन की बारिश
मेरे जिस्मों जाँ में भटकती सी बारिश
कहाँ है..........कहाँ है...........कहाँ है