Tanhayiaan
Tanhayiaan
जाती हैं तनहाइयाँ कि और ठहर जाती हैं
वक्त की ये लहरें देखो ले के किधर जाती हैं
अंधेरा ही अच्छा है कि एक सा तो है
जलती बुझती किरणें और भी मायूस कर जाती हैं
बार बार बड़ी हसरत से झोली फ़ैलाती हूँ
ख़ाली रह जाती है तो आँखें भर जाती हैं
हैरां किया ज़िंदगी ने इतना कि हैरत नहीं होती
ख़ुशी की घड़ियाँ भी अब रुला के अगर जाती हैं
अच्छी हैं वो यादें जो कभी याद न आएँ
एक लम्हे को तबस्सुम बन के बिखर जाती हैं
यहाँ तो परेशाँ ज़ुल्फ़ों की उलझन नहीं सुलझती
जाने कैसे लोगों की तकदीरें संवर जाती हैं
बस तरसती रहती हैं मंज़िल को हमेशा
राह भूली हुई पगडंडियाँ कहाँ अपने घर जाती हैं
रह जाते हैं टूटी शाख़ों पर आशियानों के निशां
तूफ़ान निकल जाते हैं आँधियाँ ग़ुज़र जाती हैं
सोचते हैं कि मिटा दें दिल से माज़ी के निशान
ख़ालीपन के ख़ौफ़ से उंगलियाँ डर जाती हैं
छोड़ आए हैं जो पीछे जहाँ जाना नहीं दोबारा
नामुराद नज़रें रह रह के उधर जाती हैं
वो आदत थी मेरी कि जीना मुहाल था बिन मेरे
शौंक छूट जाते हैं सभी आदतें सुधर जाती हैं
आती हैं ख़ुशियाँ तो बरसाती हैं फूल राहों में
जाती हैं तो बरसा के कहर जाती हैं
काबिल–ए–तारीफ़ है शऊर–ए–तवाज़ुन ख़ुदा का
पूरी होती हैं ख़्वाहिशें जब वो मर जाती हैं
लोग कहते हैं कि अच्छा लिखती हो 'सहर'
दर्द की स्याहियाँ जब काग़ज़ पे बिख़र जाती हैं