लाज़मी है
लाज़मी है
जिन लफ़्ज़ों को ज़ुबाँ ना मिल सके
उन्हें सियाही का रंग देना लाज़मी है
दफ़न कर अपने दिल में उन्हें
कफ़न तक ले जाना कहाँ लाज़मी है
अश्कों में जो अल्फ़ाज़ बह ना सक
उन्हें मुस्कान से रौशन करना लाज़मी है
दुनिया के तानों से दब ना सके
ऐसा हौसला खुद में जगाना लाज़मी है
ज़िंदगी के सागर में जो मिल सके
खुद में खुशी की वो नदियां बहाना लाज़मी है।