सालों का तकाजा
सालों का तकाजा
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एक अरसे से आईना देख रहा है,
मैंने ही नहीं देखा मेरे अक्स को!हर बात सुनी है उसने इस तरह
उसीने संभाला है मेरे हर राज को!हर बार राह बताई उसने इस तरह
बताया सही उसीने मेरे हर मोड़ को!हमराज़ है,साया है,अक्स है हर तरह
दिखाता सही राह वोही मेरे मन को!एक बात नहीं सुनी थी सालों से
आज सुनाता है वही मेरे दिल को!सालों का तकाजा हो चला अब
यारों फिर वही मेरे दिल को!