"आज खुश हूँ बहुत"
"आज खुश हूँ बहुत"
एक अरसे के बाद
कई बरसों के बाद
आज ख़ुश हूँ बहुत
ना जाने वजह कौन सी है?
ना जाने अदा कौन सी है?
अँधेरों से उजालो की
ना जाने सुबह कौन सी है?
मालूम नहीं ये क्या है?
मालूम नहीं ये क्यूँ है ?
पर जो भी है अब यही है
गर जो भी है बस सही है
पता नहीं इसे कैसे लिखूँ ?
पता नहीं इसे कैसे कहूँ ?
रूह के साये में जो कभी
अपने पराये में जो कभी
रफ़्ता रफ़्ता यूँ हौले हौले
हाँ जिसे महसूस किया है
निगाहों में बाहों में
यादों की पनाहों में
हाँ उसे महफूज़ किया है
एक अरसे के बाद
कई बरसों के बाद
आज जिया हूँ बहुत
ना जाने वफ़ा कौन है ?
ना जाने दुआ कौन है ?
अब तो मुस्कराने की
ना जाने वजह कौन है ?