मोहब्बत में हर शर्त मंजूर है
मोहब्बत में हर शर्त मंजूर है
कुछ तो लगाव था आपसे,
बेवजह तो आँखें
आँसू नहीं
बहाती,
कितना भी भूलना
चाहता हूँ,
याद हैं कि दिल से ही
नहीं जाती,
नफ़रत भी मोहब्बत भी
दोनों करना
चाहता हूँ आपसे,
कभी-कभी
आपकी नफ़रत में
मोहब्बत नजर आती हैं,
और कभी मोहब्बत
में नफ़रत,
हर शर्त मंजूर है,
जानती हो
क्यूँ,
क्योंकि
किसी भी हालात में
मैं आपको
खोना नहीं चाहता हूँ,
आपका होना
चाहता हूँ,
आपके ना होने से
महफ़िलो में भी
खुद को
तनहा पता हूँ,
मायूसी छा जाती है
चेहरे पर
सपनों में जब
आपसे बिछड़ने की
रुत आती है!