विश्वास
विश्वास
विश्वास
विश्वास से हर रिश्ता निभता है,
भौतिक सुखों की चादर ओढ़,
संशय को जीवनआधार बना,
एक कदम भी नहीं चला जाता ।
फिर लोग तो पूरा जीवन ही ऐसे बीताकर,
इस धरती के सबसे दुखी प्राणी बन जाते हैं ।
इनसे ज्यादा सुखी तो वह बंदा है,
जो दो वक्त की रोटी खाकर,
चैन की नींद सोता है।
और सीना तान के चलता है ।