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Sonam Kewat

Tragedy

4  

Sonam Kewat

Tragedy

आखिर क्यों मिले नहीं?

आखिर क्यों मिले नहीं?

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शिकवे थे होंठों पर कभी कभी,

लेकिन दिल में कभी कोई गिले नहीं।


सभी मिलाना चाहते थे हमें,

पर ना जाने क्यों हम मिले नहीं।


जज्बात था दोनों दिल में,

प्यार का इजहार था मुश्किल में।


मैं सब कुछ समझ गई थी और,

वो था जिसे कुछ समझ नहीं थी।


मुझे उसकी जिंदगी में आना था और,

उसे मेरी जिंदगी से जाना था।


उस वक्त क्यों ऐसा माहौल ना था,

क्यों थे ऐसे सारे सिलसिले नहीं।


अगर सबकी चाह थी मिलाने की,

तो फिर हम क्यों मिले नहीं।


मैंने उसे जिंदगी से जाने दिया,

और कहा जाओ तुम खुश रहना।


उसने पूछा कि तुम्हारा क्या होगा,

कहा मैंने किसी से कुछ ना कहना।


कह दूंगी कोई बंधन नहीं चाहिए,

अब हाथ होंगे मेरे कभी पीले नहीं।


हम नहीं चाहते थे एक दूजे को,

इसलिए हम कभी मिले नहीं।


उजड़े चमन में हैं वो आजकल,

सबको लगता हैं कि वह खुश है


उसकी चेहरे पर बेबाक हंसी भी,

एक गवाह है कि वो वाकई में दुख हैं।


पौधे लगाएं उसने प्यार से सींचा भी था,

फिर प्यार के फूल क्यों खिले नहीं?


सब पूछते हैं कि प्यार था दोनों में,

फिर आखिर ये दोनों क्यों मिले नहीं?


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