पल दो पल याद कर लिया ख़ुद को
पल दो पल याद कर लिया ख़ुद को
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पल दो पल याद कर लिया ख़ुद को
हमने आबाद कर लिया ख़ुद को
एक छत की हसीन हसरत में
घर की बुनियाद कर लिया ख़ुद को
कब से सोचा नहीं तुम्हें मैंने
कितना आज़ाद कर लिया ख़ुद को
ज़िंदगी तेरी जी हुज़ूरी में
हमने बरबाद कर लिया ख़ुद को
ज़िन्दगी ख़ुश है और हम भी ख़ुश
एक अपवाद कर लिया ख़ुद को