“नूतन वर्षाभिनंदन - 2017”
“नूतन वर्षाभिनंदन - 2017”
365 दिनों के,
माला में पिरोये मनके,
समय को कब
अवकाश है पाना,
न जीवन का
स्थगन है कर पाना,
साल दर साल
ये माला है जपते जाना,
नव वर्ष की
इस नई माला में,
नई आशाओं का,
झुमका है लगाना,
परिश्रम की स्वेद बूंदों से,
इसे है पखारते जाना,
विगत को संजोकर इतिहास में,
चुनकर हंसी के मोती,
प्रेम-उल्लास की झालरों से
आगत के स्वागत में,
आँगन है सजाना,
जीवन आनंद की बूंदों का
रसास्वादन है करते जाना,
दया-ममता,
स्नेह सद्भाव
मर्यादा- शिक्षा की
अलख है जगाना,
पिछड़े वंचित तबकों को
समान स्तर पर है लाना,
नई पीढ़ी के लिए,
प्रदूषण मुक्त
विश्व है बनाना,
हर मनका
इस माला का,
है अति अनमोल ,
किसी भी हाल में
खोकर इसे,
फिर ना है पाना,
हताशा के अँधेरे को,
नव उषाकिरण से,
है जगमगाना,
हर एक पल,
खुशियाँ हैं फैलाना,
हर क्षण
जीवन उत्सव है मनाना,
नव वर्ष मंगलमय हो,
सुख-समृद्धी यशमय हो,
असीम हार्दिक हैं शुभकामना...!