औरत तेरी अजब कहानी
औरत तेरी अजब कहानी
औरत तेरी अजब कहानी है
हर पल अपने दुख छुपाती है,
आँखों के आँसू छुपा कर
चेहरे पे हँसी का दिखावा करती है,
कितने ही दुख आ जाये
फिर भी कोई शिकन नहीं तेरे चेहरे पर,
ना ही कोई छुट्टी तेरी किस्मत में
ना ही कोई आराम।
हर दिन एक-सा दिन
तेरे जीवन में सातों दिन एक समान,
जाने कितनी ज़िम्मेदारियाँ
तेरे सिर पर जाने कितने काम,
फिर भी हर पल मुस्कुराना
ये ही बस किस्मत तेरी,
जाने कितने रिश्तों की फिक्र
तुझे जाने कितने लोगों की परवाह।
तू माँ बहन बेटी बहू सास दोस्त पत्नी
बन हर रिश्ता दिल से निभाती है,
खुशी-खुशी तू अपना हर
फ़र्ज़ दिल से तू निभाती है,
औरत तू है महान ये सिर
तेरे सामने झुक जाता है।