है दिल पागल सनम लिखता
है दिल पागल सनम लिखता
मैं ये लिखता मैं वो लिखता
है दिल पागल सनम लिखता
मैं कहता ज़िंदगी तुझको
इबादत में सनम दिखता
दुपट्टे में उलझकर मैं
सनम चाहत कसम लिखता
मैं लिखता हूँ रुबाई जब
हसीन दुनिया सनम लिखता
मैं लिखता इश्क़ भी तुमको
सफर मंजिल तुम्हे लिखता
उम्मीदों का मिलन लिखता
मोहब्बत पर नज़्म लिखता
तुझे खेतों की फसलो में
तुझे सदियों की नस्लों में
मुझे जब भूख लग जाती
तुझे रोटी सनम लिखता
कहानी भुख लिखना भी
नादानी दुःख को लिखना भी
उदासी मैं भूला देता
खूशी तुमको सनम लिखता
बयान रंगत तेरा करता
केसरिया मैं तुझे लिखता
गुलाबी सूर्ख लब तेरे
बादामी जिस्म मैं लिखता
तुझे मैं चाँद भी कहता
गिला तुमसे कभी करता
ज़माने को दिखाता मैं
क़यामत मैं तुझे लिखता