राजनीति का रंग
राजनीति का रंग
राजनेता की तरह मिलते हमसे वो हर मुलाकात में
हमने कहा राजनीति मत लाइये हर बात में।
वे बोले, राजनीति बच्चों का खेल नहीं
इसलिए तुम्हारा राजनीति से मेल नहीं है।
जानोगे जब राजनीति को तुम भी ना बच पाओगे
मिलकर तुम भी नेताओं से राजनीति के गुण गाओगे।
राजनीति का तो तीनों लोकों में संचार है
आजकल तो राजनीति ही सबसे अच्छा व्यापार है।
इसको गिराओ, उसको उठाओ, इसको झेलो, उसको मिटाओ
विरोध जो भी करना चाहे, तुरंत उसका वजन घटाओ।
हज करले जो राजनीति का नौ सौ चूहे हजम है
दाँवपेंच और पैंतरेबाजी राजनीति के नियम है।
लोगों में हमेश अपनी धाक जमाए रक्खो
चुप्पे–चुप्पे सबसे बचके मजे अकेले चक्खो।
इस कान की उस कान तक भी न पहुँचने पाए
खूब गुस्सा दिखलाओ जब राज पता चल जाए।
औरों के अज्ञान की उड़ाते रहो ठिठोली
उपहास भी करो पर मीठी हो सदा बोली।
जो भी दिखता है जैसा भी उसको वैसा ना देखो
हर दृश्य को राजनीति के रंग में रंगना सिखो।।