सफरनामा
सफरनामा
जीवन का सफरनामा
बहुत कष्दाई होता है ।
सुख दुख भरा होता है
मोह माया से लिप्त होता है ।
ये तेरा ये मेरा का
लोभ लालच रहता है ।
सच और सच्चाई की
राह बहुत ही दुखदाई
कठिन कष्टो से भरी
कदम कदम पर मिलती है ।
इन्सान का साहस धैर्य मन
की शक्ति भी टूट जाती है ।
धैर्य की परीक्षा होती है ।
इसमें राजा हरिशचन्द्र
की मिशाल दी जाती है ।
दूसरी तरफ झूठ फरेब
मक्कारी पनपती है
इनका बोल वाला होता है
हर कदम पर जीत होती है ।
सुख दुख अच्छाई बुराई
जीवन की गाड़ी के पहिये है ।
कदम कदम पर साथ चलते है
गिराते है कभी सभालते है
मंजिल पर पहुचते है ।
बचपन सबसे अच्छा
निश्छल साफ सुन्दर होता है ।
पढाई का बस्ता कंधे
पर जब टंग जाता है ।
इन्सान जीवन भर ढोता है ।
दूसरे के कंधो पर जब
इन्सान समशान जाता है
तभी सारी समस्याओ से
अंतिम मुक्ति पाता है ।
बस यही इन्सान के
जीवन का सफरनामा
हमेशा को समाप्त होता है ।