मुझे मत दिखा ये चाँद सितारे
मुझे मत दिखा ये चाँद सितारे
मुझे मत दिखा अभी,
ये चाँद सितारे,
मैं किसी की निगाहों से,
अभी उबरा नहीं हूँ !
जब से तुम्हारी निगाहों का,
सूरमा है मेरी आँखों में,
तब से फिर खुद को,
मैने सँवारा नहीं है !
मत कर मुझे इतिहास में,
यूँ तो दफ़्न अभी,
मैं पुराना लम्हा तो हूँ,
पर अभी गुज़रा नहीं हूँ !
मुझमें मौजूद है,
मिठास इस बूढ़े पेड़ की,
जड़ से दूर तो हूँ पर,
डाली से बिछड़ा नहीं हूँ !
शहर ने अपनी चकाचौंध से,
तुमको बेगाना कर दिया
मैं बेचारा बिछड़ा हुआ गाँव हूँ,
पर उजड़ा नहीं हूँ !