लोकतंत्र का महाकुम्भ
लोकतंत्र का महाकुम्भ
हम लोकतंत्र के महाकुम्भ में नहा कर आ रहे हैं
जात -पात, अमीरी-गरीबी की दीवार को ढहा कर आ रहे हैं।
चलो हम सब अब भाईचारा बढ़ाते हैं
चलो अब प्यार के निशान पे मोहर लगाते है।
सबसे बड़े लोकतंत्र की हम सब एक-एक कड़ी हैं
मिल जुल कर सारी समस्याएं सुलझानी हैं जो सामने खड़ी हैं।
१९४७ से हम देश को बहुत आगे ले आऐ
कामना करते हैं जल्द ये सुपर पावर बन जाए।
देश का कोई काम न अब अधूरा हो
हर देशवासी का सपना पूरा हो।
मत प्रतिशत इस बार काफी बढ़ा है
फिर भी १००% होने के लिए अभी काफी कुछ करना पड़ा है।
वोट डालना हम सबका कर्त्तव्य और अधिकार है
सब लोग मतदान करें बस इसका इंतजार है।
अब हम सब लोगों ने ये ठाना है
भारत को एक महान देश बनाना है।