तस्वीर
तस्वीर
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कैसे बदल गई वक़्त के साथ,
मेरे दिल में तेरी तस्वीर ।
आसां नहीं होता समझना जग में,
किसी के इश्क़ की तासीर।।
क़िस्मत चमकी होते गये तुम,
मध्यम स्तर से और अमीर।
इस क्रम में खोते गये पर,
अपना सुन्दर सा ज़मीर ।।
हम वहीं हैं जहाँ खड़ें थे,
बन के बस लकीर के फ़क़ीर ।
आओ अब भी जगह है ख़ाली,
बन जाओ मेरी तक़दीर।।