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Pawanesh Thakurathi

Others

5.0  

Pawanesh Thakurathi

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पहाड़ की नारी

पहाड़ की नारी

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पहाड़ पर पग धरते-धरते

पहाड़ पर रंग भरते-भरते

पहाड़-पहाड़ करते-करते


पहाड़ की नारी

पहाड़ पर रहते-रहते

पहाड़ को सहते-सहते

पहाड़-पहाड़ कहते-कहते


पहाड़ की नारी

पहाड़ पर नमक बोते-बोते

पहाड़ पर पलक धोते-धोते

पहाड़-पहाड़ ढोते-ढोते


पहाड़ की नारी

पहाड़ पर हँसते-रोते

पहाड़ को खोते-पाते

पहाड़-पहाड़ होते-होते

पहाड़ की नारी

पहाड़ हो ही गई। 


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