नींद ....
नींद ....
बारिश तो हुई नही मेरे शहर में अभी
धूप बहुत तेज है खिली हुई
घर से बाहर निकलने का मन नहीं
आदत से मजबूर हो तुम भी
जब तक इन्तेजार नहीं करवाते
खाना तुमको हज़म होता नहीं
इसलिए हमने भी अब तुमसे ना
मिलने की कसम खा ली
अब तुम को आना हो तो आ जाओ
वरना हम तो चले अपनी नींद पूरी करने
नींद में भी जरा सी आहट होती है तो
जाग जाते है
गहरी नींद में शायद कम ही सोते होंगे
जाने कैसे लोग शोर में भी कुंभकर्ण की
नींद सोते है
हमको तो सन्नाटे में भी नींद नही आती
इतनी गहरी नींद में भी ना सोना दोस्तो
चोरिया बहुत होती है आज कल
अपने घर की सुरक्षा का ध्यान भी
खुद ही रखना होता है ।।।।