जीवन हरे से भरा है
जीवन हरे से भरा है
सजनी मेरी बता
हरा कितना हरा है
हरे में रंग सावन का खिला है
इसे संग साजन का मिला है
तेरे होंठों पे जो लाल सजा है
पान का वह पत्ता दिल मेरा है
साजन मेरे बता
हरा कितना हरा है
दिल मेरा जितना भरा है
हरा उतना ही हरा है
तुम्हारी एड़ियों में लगी
हिना का रंग हरा है
जिस चुनर पे जान
झूली थी मेरी
वह चुनर भी तो
धानी हरे में रंगा है
सजनी मेरी बता
हरा कितना हरा है
आसमाँ और ज़मीं में
हरे की फैलती खुशबू में
दरख्तों की साँस आती है
कुछ भी हो हरा
कहीं भी हो हरा
मुझे बस तेरी याद आती है
सजना मेरे बता
हरा कितना हरा है
मौसम के विचरण में
ज़िंदगी के आमंत्रण में
विश्वास की डगर पे
डूबती रात के सहर पे
ज़िन्दगी की पतझड़ में
हरा, उम्मीद का दीया है
पदतल से जो न रौंदा गया
हरा, वो पथ एकल गर्वीला है
सजनी मेरी बता
हरा कितना हरा है
तेरे सर की पगड़ी
मेरी छाती का आँचल
तेरी शान का भूषण
मेरी लाज का वसन
हरा हू ब हू हरा है
हरा पीला नहीं है
मगर सोना खरा है
साजन मेरे बता
हरा कितना हरा है
समंदर के पानी का रंग हरा है
ज़िंदगी की रवानी का ढंग हरा है
कंकरीले पथ पर भी जो न थमे
आशा का वह यौवन हरा है
भीतर में कहीं जब मन हरा होता है
गोरा तन तेरा तब खिला होता है
सुन सजनी मेरी
सुन साजन मेरे
हरा है तो हम हैं
सारे ग़म फिर कम हैं
मौन में या गीत में
प्रेम में या संगीत में
हर तरफ़ हरा ही हरा है
जीवन हरे से भरा है।