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Divik Ramesh

Others

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Divik Ramesh

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कितना अच्छा होता न तब

कितना अच्छा होता न तब

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यदि पहाड़ को धक्का देकर

सब कहीं ले जा सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

अगर नदी को कंधे पर रख

सब कहीं ले जा सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

यदि ये जंगल पहियों पर रख

सब कहीं ले जा सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

और समुद्र सिर पर ढ़ोकर

सब कहीं ले जा सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

अगर स्कूलों को रहड़ा कर

सब कहीं ले जा सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

जो कुछ भी है इस धरती का

अगर सभी का कर सकते हम!

कितना अच्छा होता न तब?

पर कितने छोटू हैं हम तो

हाथ भी देखो कितने छोटे!

अगर मदद कर देता कोई

कितना खुश हम भी हो लेते।

कितना अच्छा होता न तब?


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