स्त्री शक्ति
स्त्री शक्ति
मैं
हर उस दबी-सहमी
प्रताड़ित स्त्री की
आवाज हूँ !
क्यो़ंकि मुझसे बेहतर
ये दर्द शायद
कोई नहीं समझ
सकता !
एक समय
ऐसा भी आया था
जब मेरे पास
कोई रास्ते न थे,
शिवाय
आत्मसमाप्ति के।
पर !
परमात्मा ने
मेरा हाथ थामा
और मुझे मेरी
शक्तियों से
मिलवाया।
हाँ वही शक्ति
जो प्रत्येक स्त्री में
अन्तर्निहित
होती है।
आप में भी है
बस समय रहते
आपको
अपने अन्दर की शक्ति
पहचाननी होगी,
आपको अपने लिए
आवाज उठानी होगी,
आपको अपना जन्मोदेश्य
समझना होगा।
हम सब में
अपार शक्ति है
हममे नवदेवियों
की उपस्थिति है
प्रत्येक स्त्री
कोई न कोई
देवी है।
तो उठो !
आज ही संकल्प करो
गलत को नहीं सहोगी।
आत्मशक्ति रूपी
शस्त्र से
सुसज्जित हो जाओ
दुष्टता का संहार
न कर सको तो,
दुष्ट का ही
अन्त कर दो,
परन्तु अब-
मूक मत बनो.........।