ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !
प्यार करनेवाली माँ
जब नीम सी लगने लगे
तो समझो-
उसने तुम्हारी नब्ज़ पकड़ ली है
और तीखी दवा बन गई है !
याद रखो-
जो माँ नौ महीने
तुम्हें साँसें देती है
पल पल बनती काया का
आधार बनी रहती है,
तुम्हारी नींद के लिए
पलछिन जागती है
वह तुम्हारे लिए
कुछ भी कर सकती है।
तब तक -
जब तक नीम का असर
फिर से जीवन न दे जाए !
माँ प्यार करती है
दुआ बनती है।
ढाल बनती है
तो समय की माँग पर
वह नट की तरह रस्सी पर
बिना किसी शिक्षा के
अपने जाये के लिए
द्रुत गति से चल सकती है।
अंगारों पर बिना जले
खड़ी रह सकती है
वह इलाइची दाने से
कड़वी गोली बन सकती है
जिन हथेलियों से वह तुम्हें दुलराती है
समय की माँग पर
वह कठोरता से तुम्हें मार सकती है।
तुम्हें लगेगा-
माँ को क्या हुआ !
क्योंकि तुम्हें माँ से सिर्फ
पाना अच्छा लगता है
यह तुम बाद में समझोगे
कि माँ उन चीजों को
बेरहमी से छीन लेती है
जो तुम्हारे लिए सही नहीं।
और सही मायनों में
ऐसी माँ ही ईश्वर होती है !