रिश्ता जन्मों का
रिश्ता जन्मों का
अपनी आत्मा पर कोई बोझ नहीं रहने देती हूँ
अपने हर जज्बात पर कागज़
और स्याही भरी कलम से लिख देती हूँ
माना कि कोई शायर
या अच्छे लेखक नहीं हम
पर ये लिखने का हुनर हमको खूब आता है
मशहूर होने का भी शौक नहीं रहा अब
ना ही दौलत बटोरने का
तन्हा है हम इन सब से क्या लेना देना
कोई हमसे रूठे तो
मना लेते है हम यत्न करके
हम रूठे तो कोई मनाये ना मनाये
हम को नहीं कोई उम्मीद किसी से
स्याही और कागज़ का
मेरी आत्मा से है जन्मो का रिश्ता
यूँ तो भविष्य पर नहीं भरोसा
पर पिछले जन्म में भी थे
हम कवि ये पढ़कर हैरानी होती है