Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Bhavna Thaker

Drama

3  

Bhavna Thaker

Drama

शबनमी यादें

शबनमी यादें

1 min
198


शबनमी चादर से लिपटी

हौले-हौले खिलती

उषा मेरे आँगन बैठी।


झीनी-झीनी रश्मियों की

पाजेब की झनकार लिए

नींद से बोझिल पलकों पर

दस्तक अपनी दे गई।


यादों की पूरनूर गठरियाँ

चुपके-चुपके दे गई

आदित की पटरानी धूप,


बरामदे में बैठे

गर्माहट की सरसराहट

दुपहर में बदल गई।


बसंती बयार लाई

हल्की सी केसरिया शाम

दरिया की लहरों से बुनती

पूरे दिन की झालर।


दुधिया बादल शाम को घेरे

केसरिया लपेटे

बैंगनी जामुनी रंगीन

कितने रंग के मेले।


दुबक गया लो सूरज अपनी

रश्मियाँ समेटे

सागर की बाँहों में।


पर्वत के पीछे से झाँके

दस्तक देता चाँद खड़ा

रात की गोद में खेलें।


आसमान के सीने पर ये

किसने सितारे जड़ दिये

कुदरत के ये जवाँ नज़ारे

हरसू डेरा डालें।


अपनी-अपनी खूबसूरती का

आँचल सर पर ओढ़े

थिरकते इठलाते पूरी

कायनात को घेरे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama