जिसने प्यार किया था
जिसने प्यार किया था
राहों मे चलते चलते
यूँही खो जाता था
आँखों में थे आसूं उसके
कभी आसुंओ मे मुस्काता था
कभी दर दर भटके राहों में
हुस्न के नगमे गाता था
दूरियों से तड़पती रुह सिमटे
दर्द भरी राते जगाता था
दीदार हो सनम का
सुकून से सो जाता था
ये उस सक्श की कहानी है
जिसने प्यार किया था.
दिवानगी की दस्ताना है
ऊस मजनू की ...रांझे की.
अनसुलझी आशिकी है
हर एक दिवाने आशिक की
ये ऊस शक्स की आसूं है
जिसने प्यार किया था.